Wednesday, 6 March 2019

Hisaab ki baat

कि कभी मुलाकात तो होगी ,
बैठेंगे और हिसाब कि बात होगी ,
कि तहकीकात भी होगी ,
तेरे मेरे  रिश्तों कि बात भी होगी ,

हम न भूले तेरा यूँ मुड़ जाना ,
तेरी गली में अकेले रह जाना ,
हम न भूले तुम्हें,
कभी तो मुलाक़ात होगी ,

मेरे सवालों की तन्हाई के साथी को एक जवाब तो दे दो ,
मेरा पिछले बीता पुराना हिसाब तो दे दो ,
कि तहकीकात तो होगी,
कि तेरे मेरे रिश्तों कि बात तो होगी l
                                                       ---- शैलेष मोहन ओझा