कि कभी मुलाकात तो होगी ,
बैठेंगे और हिसाब कि बात होगी ,
कि तहकीकात भी होगी ,
तेरे मेरे रिश्तों कि बात भी होगी ,
हम न भूले तेरा यूँ मुड़ जाना ,
तेरी गली में अकेले रह जाना ,
हम न भूले तुम्हें,
कभी तो मुलाक़ात होगी ,
मेरे सवालों की तन्हाई के साथी को एक जवाब तो दे दो ,
मेरा पिछले बीता पुराना हिसाब तो दे दो ,
कि तहकीकात तो होगी,
कि तेरे मेरे रिश्तों कि बात तो होगी l
---- शैलेष मोहन ओझा
बैठेंगे और हिसाब कि बात होगी ,
कि तहकीकात भी होगी ,
तेरे मेरे रिश्तों कि बात भी होगी ,
हम न भूले तेरा यूँ मुड़ जाना ,
तेरी गली में अकेले रह जाना ,
हम न भूले तुम्हें,
कभी तो मुलाक़ात होगी ,
मेरे सवालों की तन्हाई के साथी को एक जवाब तो दे दो ,
मेरा पिछले बीता पुराना हिसाब तो दे दो ,
कि तहकीकात तो होगी,
कि तेरे मेरे रिश्तों कि बात तो होगी l
---- शैलेष मोहन ओझा